(आए दिन हो रही रेप की बढ़ती की घटनाओ पर मेरे खुद के लिए है ये सबक )
अपने बच्चों
को
गालियाँ
नहीं
सिखाते
हम
फिर भी वो
सीख
जाते
हैं
देना
गालियाँ
घर को बुहारना
ही
काफ़ी
नहीं
दोस्त
थोड़ा गलियाँ
भी
साफ़
रखिए
वगरना जूतों
से
चिपक
कर
थोड़ी कीचड़
तो
भीतर
आएगी