Thursday, December 20, 2007

मैं और तू

तुम्हारे प्रशनों में
अकसर तुम
ये जानने की कोशिश करती हो
कि कौन हो तुम ?
क्या कीमत है तुम्हारी मेरे लिए ?
मेरा उत्तर
मैं तसवीर का एक खाका



और तुम तसवीर हो ।

Monday, December 10, 2007

मैं और तू

तुझ से मिला जब भी

अपना कुछ तेरे पास भूल आया मैं

और भूले से तेरा कुछ उठा लाया मैं।


ये चुराई हुई दौलत तेरे एहसास की


दिल के सन्दूक में छुपा रक्खी है

किसी को दिखाऊं तो कैसे दिखाऊं

बताऊँ किसी को तो वो लब कहाँ से लाऊं

तू ही बता इस ख़जाने को ले कर मैं अब कहाँ जाऊ
.................................................................
................तेरे पास ही ना चला आऊं .

Friday, December 7, 2007

मैं और तू

देख ज़रा आईने पे जा कर
मेरे चेहरे से लग कर
एक पहचान बन गई है तेरे रुखसार पर

देखा था मैंने जब आईना
तेरे चेहरे का उजाला देखा था
अपने चेहरे पर ।

देख कहीं ना जाना ये चेहरा लेकर
लोग हँसेंगे तुझ पर।
लोग हँसेंगे मुझ पर ।

मेरे चेहरे पर तेरी सी एक पहचान बनी है
तेरे चेहरे पर मेरा सा एक चेहरा जड़ा है ।

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