Wednesday, January 23, 2008

सयाना

छुटपन में

जिस मेले से चुराई थी बांसुरी, गुब्बारे

और खिलोने बहुत से

आज उसी मेले से

जी चुराता हूँ

जाने क्यों इतना सयाना हो गया हूँ

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