मंगलवार को अंडे नहीं खाते हम
हाँ मगर बुद्ध को आदमी का खून पीते हैं.
गालियाँ देना? हुनर ये तहज़ीब ने हमें गवारा ना किया.
हम तो वो हैं जो निगाहों से कपढ़े उतार देते हैं.
सब माँ-बहने हैं मेरी, मेरी बीबी को छोड़ के,
फिर भी आदत कि जेब में हर वक़्त कॉन्डोम रखते हैं
मंगलवार को अंडे नहीं खाते हम
हाँ मगर बुद्ध को आदमी का खून पीते हैं.
2 comments:
kya baat hai janab .... wah
bahut badhiya.. baki kavitaayen bhi achhi hain...
Post a Comment