कई सूत्र तोड़ कर जोड़ा था तुमसे एक सूत्र
तुम्हें वो सूत्र आज तोड़ दिया है
छिना मुझ को सबकी बाहों से
फिर अपना दामन भी छुड़ा लिया है
तनहा खड़ा अब सोच रह हूँ
मैं
जिसकी कल तक छोटी सी एक दुनिया थी
मेरे घर से बस तेरी गली तक जाती थी
आज गली-गली को छू कर
हर चौराहे हर नुक्कड़ से हो कर
सड़क कि आवारा सड़को तक फ़ैल गयी है मेरी दुनिया
तुमसे जुदा होकर .................
जुदा होकर तुमसे
आवारा हो गया हूँ
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